अपनी मेहनत की गाडी कमाई को बचत खाते में रखने वालो के लिए खुशखबरी.
अब तक, बैंक, महीने की 11 तारीख और आखिरी दिन के बीच के सबसे कम मौजूद बैलेंस पर ब्याज देता था. एक महत्वपूर्ण परिवर्तन 1 अप्रैल २०१० से प्रभावी हो गया है.
बैंक के बचत खातों पर ब्याज दर तो नहीं बदला, यह 3.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित है लेकिन अब बैंको को ब्याज की गड़ना दैनिक बैलेंस के आधार पर करनी होगी. हम सब जानते है, की सार्वाधिक खर्चे शुरुआत में ही होते है, महीने की ११ तारीख के बाद बचत खाते में कितना शेष बचता है ?
पुरानी गड़ना के अनुसार वास्तविक रूप से केवल २.९ प्रतिशत ब्याज ही मिलाता था पर अब ३.५ प्रतिशत पूरा ब्याज मिलेगा, यानि की ज्यादा कमाई.
चूँकि अभी तक बचत खाते से कमाए गए लाभ पर टीडिएस नहीं कटता इसलिए ज्यादा नगद रखने वाले लोग अपने कम समय के निवेश के लिए इस विकल्प को चुन सकते है, हां ये आपकी कमाई में जरुर जुड़ेगा और वहा करयोग्य होगा. fixed deposit पर साल में १०००० से ज्यादा ब्याज कमाने पर १० प्रतिशत TDS कटता है किन्तु बचत खाते पर यह नियम लागु नहीं होता.
अनुराग... अच्छा दिशा में किया गया प्रयास है यह ब्लॉग, लेकिन सिर्फ एक ही पोस्ट... अपने 'विशेषज्ञ' ज्ञान और अनुभव का लाभ लगातार साथियों को देते रहो...
ReplyDeleteएक अनुरोध और भी है... जो आलेख तुमने लगाया है, उसमें एक बात किसी को भी confuse कर सकती है... तुम्हें कंपनी सेक्रेटरी होने के नाते यह स्पष्ट कर देना चाहिए था, कि बचत खाते से कमाया गया लाभ (उस पर मिलने वाला ब्याज) करयोग्य होता है, यानि उस पर टैक्स की गणना भी होगी, और टैक्स देना भी पड़ेगा, लेकिन TDS नहीं कटता, अर्थात बैंक खुद उस पर कर की कटौती नहीं करता, और आपके खाते में पूरा ब्याज दिया जाता है। इस पर टैक्स देना ब्याज कमाने वाले की जिम्मेदारी है...
दरअसल, तुम्हारे आलेख की भाषा में "टैक्स नहीं लगता" किसी को भी confuse कर देने के लिए पर्याप्त है, सो, मैंने टोक दिया... उम्मीद है, बुरा नहीं मानोगे...
Thanks for a great blog post
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