Sunday, April 18, 2010

मौद्रिक नीति तय करेगी शेयर बाजार की दिशा

रिजर्व बैंक की मंगलवार, २० अप्रैल यानि की कल, वाली वार्षिक ऋण एवं मौद्रिक नीति शेयर बाजार की इस सप्ताह की दिशा तय कर सकती है। बाजार के लोगों में उत्सुकता है कि रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति (Inflation) पर अंकुश लगाने और वृद्धि की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाता है।

इस परबाजार के साथ पूरे उद्योग जगत की नजर रहेगी। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार कंपनियों के चौथी तिमाही के परिणाम भी बाजार की चाल को प्रभावित करते रहेंगे। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि रिजर्व बैंक ब्याज दरों को बड़ा सकता है।
अल्पकालिक नीतिगत ब्याज दरों मतलब रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट, CRR (पाठक इन रेट्स के बारे में जानने के लिए मेरी पुरानी पोस्ट पड़े) में चौथाई से लेकर आधा फीसदी तक वृद्धि हो सकती है। केंद्रीय बैंक के इस कदम से बैंकिंग तंत्र में ब्याज दरे बड सकती है | हालांकि, स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक जैसे बड़े बैंक यह मान रहे हैं कि बैंकों के पास ऋण के लिए धन की तंगी नहीं है, इसलिए ब्याज दरों में तुरंत वृद्धि की संभावना नहीं दिखाई देती।
यूनिट लिंक्ड बीमा उत्पाद (यूलिप) को लेकर भी शेयर बाजार कुछ सहमा हुआ है। बाजार नियामक सेबी और बीमा नियामक इरडा
(IRDA) के बीच नाक की लड़ाई अब न्यायालय में पहुंच चुकी है। यहां होने वाले घटनाक्रम पर भी बाजार की नजर रहेगी।
बहरहाल बीते सप्ताह निवेशकों की मुनाफावसूली और विदेशी संस्थागत निवेशकों (ऍफ़ आई आई) की खरीदारी का जोर ज्यादा नहीं रहने से बंबई शेयर बाजार में समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान नौ सप्ताह से चली आ रही तेजी का दौर थम गया और अग्रिम पंक्ति के शेयरों में मुनाफावसूली से सूचकांक में 342 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
सप्ताह के दौरान बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक 17,591.18 अंक पर बंद हुआ। पिछले लगातार नौ सप्ताह के तेजी के दौर में सेंसेक्स में 2,017 अंकों अथवा 12.68 प्रतिशत की तेजी आई थी।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 99.15 अंकों की गिरावट के साथ 5,262.60 अंक पर बंद हुआ। बीएसई और एनएसई में कारोबार का आकार भी घटा है।

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